भारतीय संविधान देश के लोकतांत्रिक ढांचे की रीढ़ है, जो न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों को स्थापित करता है। संविधान सभा द्वारा निर्मित, यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जो एक विविध राष्ट्र की आकांक्षाओं को दर्शाता है। संविधान सभा के इतिहास और कार्यप्रणाली को समझना यह जानने में मदद करता है कि आधुनिक भारत कैसे बना।
संविधान सभा का गठन
भारतीय संविधान सभा का गठन 1946 के कैबिनेट मिशन प्लान के तहत हुआ था। इसमें प्रांतों और रियासतों का प्रतिनिधित्व करने वाले 389 सदस्य थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद इसके अध्यक्ष थे, जबकि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। संविधान सभा ने दिसंबर 1946 से नवंबर 1949 तक, लगभग तीन वर्षों तक काम किया और संविधान का निर्माण किया।
भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएं
- प्रस्तावना: प्रस्तावना भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है। यह संविधान के मूल मूल्यों को व्यक्त करती है।
- लंबाई और विस्तार: 395 अनुच्छेद (अब 450 से अधिक), 22 भाग और 8 अनुसूचियों (अब 12) के साथ, यह दुनिया का सबसे विस्तृत संविधान है।
- संघीय ढांचा: भारत में संघीय शासन प्रणाली है, लेकिन आपातकाल के दौरान यह एकात्मक रूप में कार्य कर सकता है।
- मूल अधिकार और कर्तव्य: संविधान समानता, स्वतंत्रता और शोषण के खिलाफ सुरक्षा जैसे मूल अधिकारों की गारंटी देता है और नागरिकों के कर्तव्यों का भी उल्लेख करता है।
- राज्य के नीति निर्देशक तत्व: ये सामाजिक और आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सरकार को दिशा-निर्देश देते हैं।
संविधान सभा की कार्यप्रणाली
- संविधान सभा ने प्रस्तावित 7635 संशोधनों में से 2473 संशोधनों पर चर्चा की।
- इसने दुनिया भर के संविधानों, जैसे कि अमेरिका के मौलिक अधिकार और आयरलैंड के नीति निर्देशक तत्वों से प्रेरणा ली।
- विभाजन के बावजूद, सभा ने एक ऐसा दस्तावेज तैयार करने में सफलता पाई जिसने भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखा।
संविधान का महत्व
- यह शासन का ढांचा प्रदान करता है और कानून के शासन को सुनिश्चित करता है।
- यह नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और सामाजिक न्याय स्थापित करने का प्रयास करता है।
- यह संशोधनों के माध्यम से राष्ट्र की बदलती आवश्यकताओं के अनुकूल होता है।
निष्कर्ष
भारतीय संविधान एक जीवंत दस्तावेज है, जो उन सपनों को समेटे हुए है जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। संविधान सभा द्वारा इसका निर्माण एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी, जो आज भी भारत को प्रगति और एकता की ओर मार्गदर्शन करती है।